नये सम्बत्सर पर कुछ चर्चा

एक सूचना और कुछ खास बातेः-
          विगत दस दिनों के अवकाश के पश्चात् सोशलमीडिया के समक्ष आज उपस्थित हुआ हूँ, सभी बन्धुओं के स्वागत और शुभकामना के साथ।
सम्वत् २०७३का नया पञ्चांग अगले ही सप्ताह यानी ८अप्रैल २०१६ से लागू होने वाला है, जो आगामी २८ मार्च २०१७ तक जारी रहेगा। आंग्ल नववर्ष (कैलेन्डरइयर) प्रारम्भ होने के बाद कई बन्धुओं ने आग्रह किया था राशिफल पोस्टिंग के लिये,किन्तु पुराने सम्पर्की बन्धु जानते हैं कि मैं साम्वतसरिक राशिफल पोस्ट करता हूँ। हर वर्ष की भांति इस बार भी वार्षिक(साम्वतसरिक)राशिफल प्रस्तुत किया जायेगा,जो यथाशीघ्र आपके समक्ष होगा।
नये सम्वत के सम्बन्ध में कुछ खास बातें जानने योग्य हैं,जिन्हें यहां प्रस्तुत कर रहा हूँ। वर्ष के प्रारम्भ में सौम्य नामक सम्वत्सर रहेगा,किन्तु ज्येष्ठ कृष्ण द्वितीया सोमवार,दिनांक २ मई २०१६ के दिन में ११बजकर १ मिनट से साधारण नामक सम्वत्सर का प्रवेश हो जायेगा,किन्तु वर्ष पर्यन्त संकल्पादि में सौम्य सम्वत्सर का ही विनियोग करना चाहिए,क्यों कि नियम है कि वर्षप्रवेश में जो नामधारी है,वही आगे भी संकल्पित होना चाहिए। ऐसा प्रायः हर वर्ष ही होता है।

इस सम्वत् के प्रवेश के साथ-साथ कलियुग का ५११७ वर्ष व्यतीत हो जायेगा। प्रत्येक सम्वत्सर के एक राजा और मन्त्री हुआ करते हैं,जिनके स्वभावानुसार प्रजाजन सुख-दुःखादि भोग करती है। इस बार के राजा शुक्र हैं,और मन्त्री बुध। राजा और मन्त्री में परस्पर मैत्री सम्बन्ध होने के कारण प्रत्यक्षतः भी उच्चाधिकारियों में मधुर सम्बन्ध बने रहने की आशा की जा सकती है। जगत लग्न के विचार से लग्नेश मंगल हैं,जो स्वगृही होने के कारण विश्व के अन्यान्य राष्टों के साथ भारत के अधिकाधिक मधुर सम्बन्ध का संकेत दे रहे हैं। पड़ोसी राष्टों से भी सम्बन्ध सामान्य प्रायः ही रहेंगे। मंगल के प्रभुत्व के कारण भारत का दबदबा हावी रहेगा,भले ही थोड़े विघ्न यदाकदा प्रतीत हों। विशाल राष्ट्र में छिटफुट घटनाओं की आशंका भी है,फिर भी समग्र रुप से कहा जा सकता है कि शासन और प्रसाशनिक व्यवस्था सुशान्तिपूर्ण रहते हुए देश विकासोन्मुख रहेगा। विज्ञान और तकनीक का विशेष विकास योग प्रतीत हो रहा है। अन्तरिक्ष अनुसन्धान कार्य में कुछ आशातीत सफलता के आसार दीख रहे हैं। सुरक्षा की दृष्टि से भारत अपेक्षाकृत अत्यधिक सुदृढ़ होगा। बाहरी निवेश भी बढ़ेंगे। व्यावसायिक विकास विशेष रुप से होने के आसार हैं। हालाकि वर्षा गत वर्ष की तुलना में अच्छी होनी चाहिए,फिर भी देश के कुछ भागों में सूखे की स्थिति भी अवश्य बनी रहेगी,क्यों कि जल समायोजन सन्तुलित नहीं दीखता। ९ मई २०१६ को अन्तरिक्ष में एक अद्भुत घटना घटेगी- सूर्य के बिम्ब पर बुधग्रह का पारगमन होगा। विष्णुनगरी गया के समयानुसार यह दृश्य अपराह्न चार बजकर तैंतीस मिनट से सूर्यास्त काल तक देखा जा सकेगा। देश के पूर्वी भागों में इससे पहले,और पश्चिमी भागों में बाद में देखा जा सकेगा। हाँ, इस अनोखे सम्मिलन को नंगी आँखों से देखने का प्रयास न किया जाय,जैसा कि सूर्यग्रहण में भी कहा जाता है।अस्तु।

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