चिरप्रतीक्षित पुण्यार्कवनस्पतितन्त्रम् शीघ्र ही आपके सामने इस कलेवर में उपलब्ध होगा। टुकड़े-टुकड़े में तो मेरे ब्लॉग पर आप देख ही चुके हैं,अब, पुस्तकाकार एकत्र रुप सामने है। ब्लॉग के नियमित पाठकों के अनुरोध पर इसे इस रूप में पहुंचाया गया है।इसके प्रकाशन का श्रेय दिल्ली के श्री सुभाष मलहोत्राजी को है। पुस्तक के लिए इच्छुक व्यक्ति सम्पर्क कर सकते हैं। इसका मूल्य २००रु. रखा गया है।अग्रिम बुकिंग कराने वाले व्यक्तियों को डाक खर्च नहीं देने का लाभ मिलेगा। 
अगली योजना है- पुण्यार्कवास्तुमंजूषा और बाबाउपद्रवीनाथ के चिट्ठा को भी इसी भांति पुस्तक रुप में प्रकाशित करने का। धन्यवाद। 

टिप्पणियाँ

लोकप्रिय पोस्ट